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Amrutdhara
  (अमृतधारा)

(हिंदी जाणकरी ।।)

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Amrutdhara Drops(अमृतधारा)

(आप्ताश्री आयुर्वेद चिकित्सालय, पुणे से आरोग्यसेवा लेनेवाले सभी लोगो के लिए, दवावॊ का जानकारीपूर्ण लेख)

कोविड की पहली-दूसरी लहर में तगडी बैटिंग करने वाली हमारी और लोगों की फेवरेट दवा..!

“अमृतधारा”

कोविड विषाणू के संसर्ग से लढणे केलीये बनाये , रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले *श्वासामृत काढ़ा* के साथ-साथ हर जगह यह “अमृतधारा” का प्रयोग किया हे..!

जैसे द्वारपाल द्वार पर खड़े होकर महल की रक्षा करता है, वैसे ही नाक और मुंह के संक्रमण को रोकने के लिए इस दवा को 1-2 बूंदों की मात्रा में मास्क पर लगाया जाता है।

इसका बहुत ही अच्छा असर हमे कोविड के पहली दो लहरों में बोहोत देखणे मिला…

पेहेले दोनो कोविड वेव में,  जिन्हें घर से बाहर जाना पडा था, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना पडता था, भीड़ में काम करना था, और ये करते समय जीन लोगोने “अमृतधारा” का इस्तेमाल किया, वे इस “अमृतधारा” को बिल्कुल नहीं भूले।  यह एक बड़ी जादुई औषधी है।

इस दौरान बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करने वाले कई लोग इस दवा का इस्तमाल करते थे।  वह अपने सहकर्मियों को बूंद बुंद बाट ते थे।

मूल जानकारी:
यह दवा केवल बाहरी उपचार के लिए है।  (केवल बाहरी उपयोग)।

सामग्री: निर्गुंडी तेल, ओवा अर्क, भीमसेनी कपूर, तिल का तेल, लहसुन का अर्क आदि। 11 सामग्री।

उपयोग:
-आज की महामारी में वायु से फैलने वाली बीमारियों से खुद को बचाने के लिए यह सबसे अच्छी दवा है।

– हाल ही में हुये, सर्दी-जुकाम-सर्दी-श्वसन संबंधी विकारों के लिए पानी को भापते समय 1 बूंद पानी डालकर भाप लें।

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साथ ही एक गर्म रुई/तुर्की के कपड़े को छाती, माथे और गर्दन पर 5 मिनट तक शेक ले।। फिर आधा चम्मच गुनगुना तिल का तेल (50 मिली), आधा चम्मच सेंधव नमक और 8-10 बूंद अमृतधारा की बूंद छाती और पीठ पर लगाएं। हल्के हाथ के तेल से।  इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें । और उसके बाद फार 5 मिनट के लिए फिर से गर्म कपड़े से शेक ले ।

(कपड़े को आप गैस पर कढ़ाई/तवा रखकर गरम कर सकते हैं या फिर इस्त्री की सहायता से भी गरम कर सकते हैं)

  तुरंत कफ साफ हो जाता है और श्वास सामान्य हो जाती है।

– सिर दर्द – जुकाम होने पर अमृतधारा की 3-4 बूंदें माथे, गर्दन और गले पर धीरे से लगाएं।

– दर्द वाले जोड़ों पर रेत या गर्म कपड़े का शेक लें और फिर 50 ML तिल के तेल में 8-10 बूंद अमृतधारा को मिलाकर हल्के हाथों से इस तेल को ऊन दर्द करणे वाले जोड़ों पर लगाएं।

कमर दर्द में इसे गुनगुने तेल में मिलाकर दर्द वाली जगह पर हल्का सा लगाना चाहिए।

इस बहुउद्देश्यीय आयुर्वेदिक औषधि को हमेशा अपने पास रखें।

दक्षता:
1) यह दवा केवल बाहरी उपचार के लिए है।  (केवल बाहरी उपयोग)।

अमृतधारा की बोतल को घर में आंख/कान के ड्रॉप्स से दूर रखें।
(बहोत बार लोगो द्वारा आई ड्रॉप्स  समजकर उन्होंने गलती से उनकी आंखों में अमृतधारा छोड़ दिया है। और उन्हे आख के तखलीफ से गुजरना पडा हे।।)

2) छोटे बच्चों से दूर रहें।
डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करें। 

यह दवा बाहरी बाजार में विपणन के लिए उपलब्ध नहीं है। केवल आप्तश्री आयुर्वेद, पुणे से चिकित्सा आरोग्यसेवा लेने वाले लोगो के लिए हम क्लिनिक से देते हैं।

–  *Dr Saurabh B. Kadam*
     *M.D.(Ayurved), Pune* *आयुर्वेद उपचार व पंचकर्म चिकित्सक*
*Contact no 9665010500/7387793189*

*आप्तश्री आयुर्वेद व पंचकर्म क्लिनिक, दापोडी – पिंपळे गुरव रोड, शिवदत्त नगर, पिंपळे गुरव, पुणे 411061*

*Assistant Professor & Ayurved Consultant,*
*Dr D Y Patil College Of Ayurved & Research Center, Pune 411018*



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